बच्चों का मेला
सब बच्चों को मेले जाना है
खूब खिलौने लेकर आना है
उस ओर बनी झूलों की बस्ती
हो जाए अब मिल जुलकर मस्ती
मौत का कुआं वो काला जादू
दिल पर अपने तुम रखना काबू
पिज़्ज़ा, चाउमीन, टिक्की, बर्गर
खाना, लेकिन हर चीज़ संभलकर
भेलपुरी का होता अपना स्वाद
सारे बच्चों को रहता है याद
आओ चलते हैं हुनर दिखाने
दस रुपये में हैं चार निशाने
बर्फ का गोला हम चाहें हर बार
शुरू हुई फिर पापा की फटकार
© अरशद रसूल