Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

बच्चे

बच्चे

मेरी आँखों को भाता है
बच्चों का खिलखिलाता चेहरा
मेरे देह को छूं जाती है
उनकी कोमल त्वचा l
गुलाबी होठ है,
और छोटे-छोटे हाथ
इन मोतियों-सी आँखों ने
तोड़ा मासूमियत का ख़िताब
जिनकी हर शरारत भी प्यारी है l
हर गलती लगती न्यारी है
वो नन्हें-नन्हें बच्चे हैं
और दिल के सच्चे हैं
इस नीरस दुनिया में
रोचकता से भरे हैं
देखकर इन्हें हर दिक्कत दूर हो जाएगी
केवल मुस्कान ही चेहरे पर छाएगी
तुम रोक नहीं सकते इस खुशी को…
जो बच्चों को देखकर आएगी ll

मुस्कान यादव
आयु – 16 साल

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
असली चमचा जानिए, हाँ जी में उस्ताद ( हास्य कुंडलिया )
असली चमचा जानिए, हाँ जी में उस्ताद ( हास्य कुंडलिया )
Ravi Prakash
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
Shweta Soni
महसूस होता है जमाने ने ,
महसूस होता है जमाने ने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बोझ
बोझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" मैं "
Dr. Kishan tandon kranti
“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
DrLakshman Jha Parimal
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
■ मिली-जुली ग़ज़ल
■ मिली-जुली ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
-: चंद्रयान का चंद्र मिलन :-
-: चंद्रयान का चंद्र मिलन :-
Parvat Singh Rajput
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
Anand Kumar
दोस्ती
दोस्ती
राजेश बन्छोर
वक्त सा गुजर गया है।
वक्त सा गुजर गया है।
Taj Mohammad
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आटा
आटा
संजय कुमार संजू
जग-मग करते चाँद सितारे ।
जग-मग करते चाँद सितारे ।
Vedha Singh
हिन्दी दोहा-विश्वास
हिन्दी दोहा-विश्वास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* मिल बढ़ो आगे *
* मिल बढ़ो आगे *
surenderpal vaidya
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पहले तेरे हाथों पर
पहले तेरे हाथों पर
The_dk_poetry
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
अंत समय
अंत समय
Vandna thakur
सावन‌ आया
सावन‌ आया
Neeraj Agarwal
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
Babli Jha
2595.पूर्णिका
2595.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...