बच्चे मन के सच्चे
हम बच्चे मन के सच्चे हैं,
झूठ कपट से अभी डरते हैं।
न करना बड़ा हमें,
भूल न जाए हम मासूमियत।
छोटे रखना भगवान जी ,
ताकि करते रहे हम याद तुझे ।
बचपन में निस्वार्थ प्रेम से,
याद तुझे रखेंगे ,तेरे दर्शन करेंगे ,
बिना किसी कलेश के ।