बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
लाख खर्चे ट्रेनिंग पर , फिर बैठेंगे बेकार ।
मौज उड़ाते सड़कों पर, बोले हे बेरोजगार ।
सपने बुनते वह स्वर्ग के, नोकरी दे सरकार।।
नोकर बनने की होड़ मे, रोड पे लगाते नारे ।
नेता सभी इस धन्धे में, तिजोरी भरते सारे।।
लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588