Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2024 · 1 min read

*बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*

बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)
_________________________
बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान
दूर कपट-छल से रहें, करें नहीं अभिमान
करें नहीं अभिमान, जिऍं मस्ती को पीते
रखें न ईर्ष्या-द्वेष, देख औरों को जीते
कहते रवि कविराय, बना दो मन के सच्चे
चिंताओं से मुक्त, हमें निर्लोभी बच्चे

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
पग मेरे नित चलते जाते।
पग मेरे नित चलते जाते।
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरा गांव
मेरा गांव
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दर्द लफ़ज़ों में
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 5🍁🍁
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 5🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
4599.*पूर्णिका*
4599.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU SHARMA
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
Rj Anand Prajapati
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ଜାମ୍ୱାଇ
ଜାମ୍ୱାଇ
Otteri Selvakumar
"सच्चा प्रेमी"
Dr. Kishan tandon kranti
राम हमारे श्याम तुम्हारे
राम हमारे श्याम तुम्हारे
विशाल शुक्ल
हर पल
हर पल
Davina Amar Thakral
मंदिरों की पवित्रता
मंदिरों की पवित्रता
पूर्वार्थ
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
Rituraj shivem verma
किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना।
किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना।
मधुसूदन गौतम
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
ऐ चांद! तुम इतराते
ऐ चांद! तुम इतराते
Indu Singh
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
Yogendra Chaturwedi
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
Loading...