बचे इन्सानियत कैसे बता दो
बचे इन्सानियत कैसे बता दो
दिये है जख्म उसको तो भरा दो
कली थी डालि की नाजुक अभी जो
मिटाया क्यों जरा हमको जता दो
किया अपमान तुमने कामिनी का
गिरो दोजख अनल खूद को जला दो
घिनोना कर्म जो तुमने किया है
सजायें सख्त क्या पाओ बता दो
नरों के वेष में हो तुम दरिन्दे
पकड़ कर कैद कर फाँसी जफ़ा दो