बचिये
मुहब्बत ,इश्क बीमारी से बचिए
लजाती सी कुँवारी से बचिए
चले जो राह में इतरा मटक कर
जरा सा इन दुलारी से बचिए
दिखाए रोज अपने नाज नक्शे
हमेशा उन हमारी से बचिए
कमाया अब तलक मेहनत कड़ी से
गँवा दे सब जुआरी से बचिए
कभी तुमको चैन से जीने न दे फिर
सदा ऐसी उधारी से बचिए