बचाने श्याम आयेगा।
तुम्हारे हाथ में जब भी छलकता जाम आयेगा।
लबों पर तब हमारा ही सनम इक नाम आयेगा।।1
कहीं गीता में कृष्णा ने जो बातें सत्य हैं बिलकुल।
करोगे जो बुरा जग में बुरा अंजाम आयेगा।।2
भुला तूने दिया मुझको भले ही दूर जाकर के।
मगर विश्वास है मुझको तेरा पैगाम आयेगा।। 3
भुलाने की करोगे जिद अगर तो आंख के आगे।
हमारी याद का मंजर सुबह औ शाम आयेगा।। 4
गिला क्या बेवफाई का करें मालूम था हमको।
वफा का आपसे हमको यही इनआम आयेगा।5
करो मां बाप की सेवा जमाने में सदा यारो।
तुम्हारे पास को चलकर हरिक तब धाम आयेगा।।6
बढे़ंगे जुल्म जब इंसानियत पर तब बचाने को।
कभी ईसा मुहम्मद तो कभी वो राम आयेगा।।7
दिवानी हो यहाँ मीरा पियेगी बिष अगर कोई।
यकीं है दीप को इतना बचाने श्याम आयेगा।।8
प्रदीप कुमार “प्रदीप”