बचपन
💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐
मैंने बचपन जी लिया , फिर से उनके साथ ।
बच्चों में बच्चा बना , लेकर कंदुक हाथ
लेकर कंदुक हाथ , खेल सतोलिया खेला
नरम हाथ का वार , पीठ अपनी पे झेला
कह भूधर कविराय,मिल गए मन को डैने
इक अरसे के बाद ,जी लिया बचपन मैंने ।।
भवानी सिंह ‘भूधर’
बड़नगर , जयपुर