Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

बचपन

बचपन में छोटी छोटी ज़िद पर
चोटी ही नहीं बनवाई ।
ऐसी लड़ाई मैंने माँ से
ना जाने कितनी बार लड़ाई ।

लम्बी लम्बी आंहे भर के
कितना सुकुड़ कर रोती थी ।

मुझे याद है , जब छोटी छोटी गलतियों की
वो डाँट कैसी होती थी!!

भरी दोपहर में चुपके से
मोहल्ला नाप आती थी ।

गुड्डे गुड़िया की शादी कराई, घर-घर खेला
और छुपके से आकर सो जाती थी ।

अब बड़ी हो गई हूँ और
गोल रोटी बनाना भी सीख लिया ।

और सीख लिया, माँ से घर को समेटना ,
खुद की ख्वाहिशों को दबाकर घर का बजट बनाना ।

और सीखा मैंने आम का अचार , घर की सजावट ,
परिवार के रीति-रिवाज और परम्पराएँ निभाना ।

Language: Hindi
97 Views

You may also like these posts

हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
Ravi Prakash
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
2550.पूर्णिका
2550.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
कितना भी कर लीजिए, सांसों को पाबंद
कितना भी कर लीजिए, सांसों को पाबंद
RAMESH SHARMA
Life
Life
Neelam Sharma
मैंने गलत को गलत ठहरा दिया ।
मैंने गलत को गलत ठहरा दिया ।
SATPAL CHAUHAN
गमे दर्द नगमे
गमे दर्द नगमे
Monika Yadav (Rachina)
मोमबत्ती
मोमबत्ती
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बीती ताहि बिसार दे
बीती ताहि बिसार दे
Sudhir srivastava
सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई
सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई
Shekhar Chandra Mitra
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
sushil sarna
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
गीत- मेरी जानाँ तेरा जाना...
गीत- मेरी जानाँ तेरा जाना...
आर.एस. 'प्रीतम'
भगवता
भगवता
Mahender Singh
साथ
साथ
Dr fauzia Naseem shad
फूल ही फूल संग
फूल ही फूल संग
Neeraj Agarwal
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
मोहब्बत
मोहब्बत
निकेश कुमार ठाकुर
संस्कार
संस्कार
Kanchan verma
सच
सच
वीर कुमार जैन 'अकेला'
#आज_का_आह्वान-
#आज_का_आह्वान-
*प्रणय*
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
"तासीर"
Dr. Kishan tandon kranti
भोले बाबा
भोले बाबा
अरविंद भारद्वाज
बस एक कदम दूर थे
बस एक कदम दूर थे
'अशांत' शेखर
करम के नांगर  ला भूत जोतय ।
करम के नांगर ला भूत जोतय ।
Lakhan Yadav
" राजनीति के रक्तबीज "
Pushpraj Anant
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
bharat gehlot
Loading...