बचपन
हकीकत से रूबरू हो आए
अब यादों के सहारे जिंदगी ।
मुड़कर भी आना चाहूं तो
समेत ना पाऊंगा जिंदगी ।।1।।
सारी खट्टे मीठे अनुभव
समेट आयी मेरी जिंदगी ।
कागज के छोटे टुकड़ों पर
कहानी लिख आयी जिंदगी ।।2।।
सफर छोटा तेरा मेरा
अब चलचित्रों ने घेरा ।
बूढ़ी आंखें मूंद रही है
बचपन का अपना वो डेरा।।3।।
काश लौट आये फिर से
जिंदगी का सुनहरा पहरा ।
जिसमें जीना जीना था
मिट्टी था सोने का गहना।।4।।
कुछ बचपन की यादें
कुछ बचपन के क्षण ।
मस्तिष्क पर अचानक से
उमड़ पड़ता सारा बचपन ।।5।।