बचपन
यू तो बड़ा मुश्किल होता है
नन्हे बचपन को पालना पोषना
उनकी हर एक बात को टालना टोकना जिद पूरी करने पड़ती उनकी
अपने सुख-दुख को भूलकर
यथार्थ पर झूलकर
बालमन तो प्रतिरूप होता है
कोरा कागज का,
जिसमे अंकित करने होंगे
जीवन मूल्यों के सूक्ष्म चित्र
कर्म संस्कारों के शब्द
जिनका देख पढ़कर
आगामी पीढ़िया सामाजिक लाभान्वित सच्चे अर्थों में गौरवान्वित होगी
@ओम प्रकाश मीना