बचपन
लगे मासूम सा बचपन, बड़ा भोला निराला है|
बहुत नादान नटखट सा, भरा मुख पे उजाला है|
उड़े मन बादलों पर ये,सुगंधित हैं सभी बातें|
नहीं चिंता ज़माने की, खुशी के गीत हैं गातें|
भरे खुश्बू जगत में जो, यहीं वो पुष्प माला है|
लगे मासूम सा बचपन, बड़ा भोला निराला है|
हठी, चंचल, सवाली तो, कभी कोमल दुलारे हैं|
करें मनमर्ज़ियाँ हरपल , नयन भर के सितारे हैं|
भरे मुस्कान की मोती, खुशी का एक प्याला है|
लगे मासूम सा बचपन, बड़ा भोला निराला है|
तरुण काया सुकोमल सी, हृदय निर्मल सुहाना है|
करें अठखेलियाँ हर दम, लबों पर इक बहाना है|
महकता फूल सा बचपन बड़ा मद मस्त आला है
लगे मासूम सा बचपन, बड़ा भोला निराला है|
वेधा सिंह