Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

#बचपन#

क्या बचपन के दिन थे वो
खूब खेलना मस्ती करना ,
लड़ना झगड़ना और तकरार।।
नही किसी की बात मानते,
खाते थे उसके लिए मार।
क्या बचपन के दिन थे वो।
क्या बचपन के दिन थे वो।
नही पढ़ाई की थी चिंता,
न काम की टेंशन यार।।
अपने मन का करते थे सब,
नही किसी की थी परवाह।
क्या बचपन के दिन थे वो
क्या बचपन के दिन थे वो।।
बित्ता, गिट्टी, दौड़ लगाना ,
इनसे होती थी दिन की शुरुआत
गुल्ली डंडा, छुपम छुपाई,
खो खो जैसे खेल हजार।
क्या बचपन के दिन थे वो।।
क्या बचपन के दिन थे वो।।
पेड़ पर चढ़ कर आम तोड़ना,
अमरूद के लदे थे बाग।
बेर, इमली की बात निराली,
जामुन से भी था प्यार।।
पेड़ पे चढ़कर के तोड़ के लाते,
सब मिल बैठ के खाते थे।।
पकड़े गए तो एक साथ में,
सबको पड़ती थी फटकार
क्या बचपन के दिन थे वो।
क्या बचपन के दिन थे ।।
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

Language: Hindi
2 Likes · 132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
shabina. Naaz
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
हुआ क्या है
हुआ क्या है
Neelam Sharma
बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
4814.*पूर्णिका*
4814.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
Kumar lalit
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
जिंदगी हर रोज
जिंदगी हर रोज
VINOD CHAUHAN
भोले बाबा की कृप
भोले बाबा की कृप
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
"निष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
डॉ० रोहित कौशिक
सम्मान #
सम्मान #
Anamika Tiwari 'annpurna '
रिमझिम बूँदों की बहार
रिमझिम बूँदों की बहार
Pratibha Pandey
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
Ravi Prakash
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
Shweta Soni
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदगी में जब कोई सारा युद्ध हार जाए तो उसे पाने के आलावा खो
जिंदगी में जब कोई सारा युद्ध हार जाए तो उसे पाने के आलावा खो
Rj Anand Prajapati
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
*प्रणय*
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
Loading...