बचपन
बचपन
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ऐ जिंदगी एक बात तो बता,
ले आऊं जो खिलौने पुराने
तो फिर से मुस्कुराएगी क्या
मेरे बचपन की तरह ?
ऐ जिंदगी एक बात तो बता,
मिल जाएं जो दोस्त पुराने,
तो फिर से झगड़ेगी क्या
मेरे बचपन की तरह ?
ऐ जिंदगी एक बात तो बता,
मिल जाए जो गोद मां की
तो फिर से लोरियां सुनाएगी क्या
मेरे बचपन की तरह ?
ऐ जिंदगी एक बात तो बता
बटोर लाऊं जो गिट्टे,कंचे और गेंद
तो फिर से कट्टी-अब्बा कर लेगी क्या
मेरे बचपन की तरह ?
ऐ जिंदगी एक बात तो बता
ले चलूं जो पुराने मुहल्ले में
तो फिर से छुपन-छुपाई खेलेगी क्या
मेरे बचपन की तरह ?
दुनिया वही, मैं वही, तू वही,
फिर क्यों खुश नहीं ये दिल मेरा
मेरे बचपन की तरह ?
~Sugyata
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#Childrensday