“बचपन से सीख”
कभी खो जाता हूं अपने बचपन की यादों में इस कदर मालूम पड़ता है सपना था वह मेरा अब नींद से जागा हूं
बड़ी रुखसत के बाद ।
कुछ अजीब सा तो था उस बचपन में मानो चारों तरफ अंधेरा और एक जुगनू सी नजर आती थी
जिसके पीछे हाथ बढ़ा दिया करता था
उस चमक ने मुझे कुछ तो सिखाया है
लक्ष्य को पाना है
तो चारों तरफ अंधेरा तो करना पड़ेगा मतलब लोगों को नजरअंदाज करना पड़ेगा ।