बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
आज भी मन में मुस्काता है बचपन याद
जिद्द करना वो कसमें वायदे
मचल आती बचपन की यादें
बीता पल यूॅ॑ महक जाता है बचपन याद
नहीं रहे मिट्टी के खिलौने
ढूंढ रहा जिन्हें कोने-कोने
सोच के ही दिल भर आता है बचपन याद
बारिश में वो नांव बनाना
दिन भर देखो पतंग उड़ाना
एक-एक पल दिल तड़पता है बचपन याद
बचपन की वो छीना-झपटी
कहाॅ॑ गई वो कलम वो तख्ती
पल-पल हर पल इठलाता है बचपन याद
ऊंगली पकड़ मेलों में जाना
झूला झूलना गुब्बारे लाना
कुल्फी देख दिल ललचाता है बचपन याद
‘V9द’ खो गए खेल पुराने
कितने खुश थे मानें न माने
सबको बस वह पल भाता है बचपन याद