बचपन जो एक बार गया
यह दिल को
किसका इंतजार है जो
चेहरा मुरझाया सा है
आंखों में उदासी है
होठों पर न कोई मुस्कान है और
चारों तरफ पसरी खामोशी है
बचपन है तो
एक बच्चे की तरह ही
खेलो कूदो, नाचो गाओ,
मौज उड़ाओ, हंसो मुस्काओ और
इसे भरपूर जिओ
यूं किसी वयस्क सा व्यवहार मत करो
याद रखना
बचपन जो एक बार गया
फिर लौटकर कभी नहीं आयेगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001