बचपन के यार जो रूठ गए तो……..!
बचपन को फिर से दौहराने कौन आयेगा,
भूल गए गंर उन लम्हो को तो याद दिलाने कौन
आऐगा।
न रखो तुम दूरियाँ दोस्तो के बीच,
गंर बिगड़ गई बात तो बताने कौन आऐगा
पग पग पे बैठे हैं चाहने वाले तेरे,
रूठ जाऐगी दूनिया गंर तो गले लगाने तुझे कौन
आऐगा
उठाया जो तुमने जिंदगी मे एक भी गलत कदम,
बेफिक्री से तुम्हे बताने कौन आऐगा
बेफिक्र घूमो गैरो के साथ भरतखण्ड़ के इस देश मे
सच्चा आणंद बचपन के यारो के बिन पाओगे कहाँ
आपका अपना
लक्की सिंह चौहान
ठि.:- बनेड़ा(राजपुर), भीलवाड़ा, राजस्थान