बचपन की याद
अठखेली करना दादी संग
चलने को कहना साथ में
दादी मुझको ले चलो संग
अपने खजनी हाट में
ले लूँगा खिलौना मैं
फिर भैया को चिढाऊँगा
घोड़ा गाड़ी में दादी मैं
तुझको भी बिठाउँगा
लेकर चलूँगा तुझको
मैं उस चंदा के पास
खेलेंगे हम उनके संग
बनकर बहु और सास
खेलकूद कर फिर वापस
जब घर को हम आएंगे
घोड़ा गाड़ी और खिलौने
बोलो कहाँ छुपाएँगे
नहीं तो भैया लेकर उसको
यहाँ तोड़फोड़ मचाएंगे
परेशान करेंगे हमको वो
नहीं वापस फिर लौटायेंगे
दादी मेरी मान लो बात
मत ले जाना उनको साथ
हम दोनों ही जाएँगे
हाँथो में ले लो मेरा हाथ
✍?पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
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