Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2022 · 1 min read

बचपन की यादें

बचपन की यादें
—————–
पापा मेरे मुझको याद आज भी हैं,
बचपन की झीनी यादें,
ताजा आज भी हैं।
मुझसे तुम हर बात में करते थे वादे,
आप जब भी दफ्तर को जाते–
मेरी फरमाइशों का पिटारा पाते,
और मैं जिद करती थी हर बात पर।
पथ देखती मैं तुम्हारा पापा,
तुम दफ्तर से जल्दी आओ घर।
देख कर तुमको में बाहर आती,
झोले में सारी अपनी चीजें पाती।
देख उन्हें में खुश हो जाती,।।
पापा तुम हो कितने अच्छे,
सदा हमारे दिल की करते।
हम सब बच्चे तभी तुम्हारा
मान है करते ।।
घर के आंगन में तुम सारी,
खुशियां भर देते!!
पापा तुम हो बहुत ही अच्छे——-

सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर

1 Like · 1 Comment · 146 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sushma Singh
View all
You may also like:
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
परत दर परत
परत दर परत
Juhi Grover
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
अगर आपको किसी से कोई समस्या नहीं है तो इसमें कोई समस्या ही न
अगर आपको किसी से कोई समस्या नहीं है तो इसमें कोई समस्या ही न
Sonam Puneet Dubey
मन नहीं होता
मन नहीं होता
Surinder blackpen
◆ आज का दोहा।
◆ आज का दोहा।
*प्रणय प्रभात*
"तू अगर नहीं होती"
Dr. Kishan tandon kranti
बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा
बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
गिरगिट
गिरगिट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Be careful having relationships with people with no emotiona
Be careful having relationships with people with no emotiona
पूर्वार्थ
विषय - पर्यावरण
विषय - पर्यावरण
Neeraj Agarwal
धीरज रख ओ मन
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
एक ख्वाब
एक ख्वाब
Ravi Maurya
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
खिला तो है कमल ,
खिला तो है कमल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
कवि रमेशराज
जल बचाओ , ना बहाओ
जल बचाओ , ना बहाओ
Buddha Prakash
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
VEDANTA PATEL
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
ज़रूरत
ज़रूरत
सतीश तिवारी 'सरस'
जाति
जाति
Adha Deshwal
*अब न वो दर्द ,न वो दिल ही ,न वो दीवाने रहे*
*अब न वो दर्द ,न वो दिल ही ,न वो दीवाने रहे*
sudhir kumar
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नई उम्मीद
नई उम्मीद
Pratibha Pandey
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
Loading...