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14 Feb 2017 · 1 min read

बचपन कहाँ ?????

आज जिंदगी के उस मोड़ पर खड़ा हूँ मैं
दुखी हूँ फिर भी ख़ुशी के लिए अड़ा हूँ मैं
अच्छा था बचपन जिसे छोड़ चूका हूँ मैं
अपनो की ख़ुशी के लिए सबसे लड़ा हूँ मैं
हर ख्वाहिशो को अब भूलने लगा हूँ मैं
हजारों गम भुलाकर भी हँसने लगा हूँ मैं
जिंदगी मे गम कभी कम नही होगा इसलिए हर गम को मुस्कुराकर जीने लगा हूँ मैं ??

चेतन गौड़

Language: Hindi
709 Views
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