बगावत
रबर को कितना खींच सकते हो तुम ?
वो तो आखिर में टूट ही जायेगी ।
एक इंसान से कितना काम लोगे तुम?
उसकी हिम्मत भी जवाब दे जायेगी ।
शोषण की भी एक सीमा होती है साहब!!
उस सीमा से आगे बढ़े तो बगावत हो जायेगी ।
रबर को कितना खींच सकते हो तुम ?
वो तो आखिर में टूट ही जायेगी ।
एक इंसान से कितना काम लोगे तुम?
उसकी हिम्मत भी जवाब दे जायेगी ।
शोषण की भी एक सीमा होती है साहब!!
उस सीमा से आगे बढ़े तो बगावत हो जायेगी ।