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10 Jul 2021 · 1 min read

बगावत

दूसरे की नज़र में
उठने के लिए
अपनी ही नज़र में
तुम ना गिरो!
अब जो हो-जैसे हो
उससे अलग
कोई भी काम कभी
तुम ना करो!!
मौत से ज़्यादा और
बुढ़ापे से बुरा
कुछ भी नहीं होगा
तुम्हारे साथ!
खुलकर जीए जाओ
अपनी ज़िंदगी
किसी भी अंज़ाम से
तुम ना डरो!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
1 Like · 579 Views
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