Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2022 · 1 min read

बगावत का शायर

सच पर से पर्दा
उठाने वाले शायर कहां!
सत्ता का चेहरा
दिखाने वाले शायर कहां!!
अपनी क़लम से
तलवार का काम लेते हुए!
व्यवस्था की नींव
हिलाने वाले शायर कहां!!
#ReleaseAllPoliticalPrisoners #शायरी
#FreedomOfExpression #हल्ला_बोल

Language: Hindi
351 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
इशरत हिदायत ख़ान
कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है)
कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है)
गुमनाम 'बाबा'
मन का सावन
मन का सावन
Pratibha Pandey
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
झूठी है यह जिंदगी,
झूठी है यह जिंदगी,
sushil sarna
"शीशा और पत्थर "
Dr. Kishan tandon kranti
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
Kuldeep mishra (KD)
स्पर्श
स्पर्श
Kanchan Advaita
हम उफ ना करेंगे।
हम उफ ना करेंगे।
Taj Mohammad
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
bharat gehlot
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
Ritu Asooja
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
4456.*पूर्णिका*
4456.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
महाभारत नहीं रुका था
महाभारत नहीं रुका था
Paras Nath Jha
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
भीड़ से आप
भीड़ से आप
Dr fauzia Naseem shad
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
अनुराग दीक्षित
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी कलम
मेरी कलम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
हर एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
हर एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सृजन भाव का दिव्य अर्थ है (सजल)
सृजन भाव का दिव्य अर्थ है (सजल)
Rambali Mishra
नाजुक -सी लड़की
नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
समारोह चल रहा नर्क में
समारोह चल रहा नर्क में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
Loading...