Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2023 · 1 min read

बकरी

हाथ में लकड़ी, साथ में बकरी,
खड़े खड़े वो देख रहा बकरी।
हरी-हरी घास को चरती बकरी,
इधर को जाती, उधर से आती।

अपने खूब करतव दिखाती,
पड़ती लकड़ी, भागति बकरी।
घरको वो सीधी नहीं जाती,
दादू को वो खूब भगाती।

घर आकर खुशि हो जाती ।
बच्चों को दूध पिलाती बकरी,

2 Likes · 535 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वयं को सुधारें
स्वयं को सुधारें
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
याद भी तेरी साथ लाती है।
याद भी तेरी साथ लाती है।
Dr fauzia Naseem shad
" शिखर पर गुनगुनाओगे "
DrLakshman Jha Parimal
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
Rj Anand Prajapati
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3875.💐 *पूर्णिका* 💐
3875.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
kg88
kg88
kg88
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
कमीना विद्वान।
कमीना विद्वान।
Acharya Rama Nand Mandal
*मुर्गा की बलि*
*मुर्गा की बलि*
Dushyant Kumar
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
" मन मेरा डोले कभी-कभी "
Chunnu Lal Gupta
एक शख्स  एक दुनिया हो सकता है
एक शख्स एक दुनिया हो सकता है
पूर्वार्थ
न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
..
..
*प्रणय प्रभात*
कैसा क़हर है क़ुदरत
कैसा क़हर है क़ुदरत
Atul "Krishn"
नौकरी (१)
नौकरी (१)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"रहबर"
Dr. Kishan tandon kranti
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
*हर साल नए पत्ते आते, रहता पेड़ पुराना (गीत)*
*हर साल नए पत्ते आते, रहता पेड़ पुराना (गीत)*
Ravi Prakash
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
Loading...