Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2021 · 1 min read

बकरी की पीड़ा ( बकरीद पर विशेष )

खुशी तुम्हारी ,
और गम हमारे लिए क्यों ?

आनंद तुम्हारा ,
हमारे लिए मौत क्यों ?

अल्लाह तुम्हारा कुर्बानी मांगे ,
तो खुद की दो ,अपनी बदियों की दो ,
हमारी कुर्बानी क्यों ?

हमारा खून बहाकर तुम्हें ,
जन्नत नही मिलेगी ।
फिर यह जीव हत्या क्यों ?

जिस खुदा की तुम औलाद हो ,
हम भी उसी की संतान है ।
फिर तुमसे वो खुश होगा क्यों?

हमारे भी बच्चे है ,परिवार है ,
हमें मारने से पहले जरा उनके विषय में सोचो ।
अपने आप को हमारे स्थान पर रखकर ,
नहीं सोचते तुम क्यों ?

तुम्हारी तरह हमें भी जीने का हक है ।
ईश्वर का अंश यदि तुममें है तो हम में भी है ।
जिस धरती पर रहना चाहते हो तुम ,
एकाधिकार के साथ ।
उस धरती पर रहने का हक हमारा भी है ।

Language: Hindi
7 Likes · 12 Comments · 557 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
"सरहदों से परे"
Dr. Kishan tandon kranti
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
पूर्वार्थ
*जुदाई न मिले किसी को*
*जुदाई न मिले किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
शेखर सिंह
पवन
पवन
Dinesh Kumar Gangwar
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
*
*"मां चंद्रघंटा"*
Shashi kala vyas
..
..
*प्रणय प्रभात*
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
एक अलग ही खुशी थी
एक अलग ही खुशी थी
Ankita Patel
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संबंध
संबंध
Shashi Mahajan
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
घाव चाहे शरीर को मिले या मन को
घाव चाहे शरीर को मिले या मन को
Sonam Puneet Dubey
अँधेरा
अँधेरा
sushil sarna
तुझे हमने अपनी वफ़ाओं की हद में रखा हैं,
तुझे हमने अपनी वफ़ाओं की हद में रखा हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक छोटी सी तमन्ना है जीन्दगी से।
एक छोटी सी तमन्ना है जीन्दगी से।
Ashwini sharma
मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ।
मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ।
Sanjay ' शून्य'
बीता हुआ कल वापस नहीं आता
बीता हुआ कल वापस नहीं आता
Anamika Tiwari 'annpurna '
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
Loading...