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17 Mar 2021 · 1 min read

बंदर जी

बंदर जी
^^^^^^^
बैठे हो मुंडेर पर क्यों?
पास नहीं आते हो क्यों?
दाँत दिखाते गुस्से में क्यों?
हमें डराते चखचख कर क्यों?
नीचे आओ बंदर जी
रोटी खाओ बंदर जी,
फिर तुमको अंगूर खिलाऊँ
तुमको अपना दोस्त बनाऊँ।
● सुधीर श्रीवास्तव

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