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14 Feb 2024 · 1 min read

बंजारा हूं मैं…।

बंजारा हूं मैं, यहाँ से वहाँ,
रास्तों का मेरा कोई ठिकाना नहीं इस जहां।
पैरों की कहानी, ज़मीन से आसमान तक,
बंजारा हूं मैं, हर लम्हा है मेरा मुझ तक।

चलता हूं मैं, हवा की ओढ़ में,
खोजता हूं ख्वाबों के सफर का ठिकाना ।
दरिया की लहरों में, सूरज की किरणों में,
बंजारा हूं मैं, मुझे बस हर दिन है चलते है रहना।

सितारों की ऊँचाईयों पर, रात की गहराईयों में,
बंजारा हूं मैं, रात के संगीत से रहता हु खिला खिला।
कोई साथी नहीं, पर मेरी राहों में,
हर कोने में हूं मैं, खुदा से मिला।

भटकता हूं मैं, सपनों की धुंधली राहों में,
हाथों में एक तारा, आसमान की ऊँचाईयों में।
बंजारा हूं मैं, जीवन की नई कहानी,
हर रोज़ एक नया चेहरा, हर मोड़ जीता हू गहराहियो में।

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 101 Views
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