Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2021 · 2 min read

बँटवारा (मार्मिक कविता)

बँटवारा

आज भाइयों के बीच कहा सुनी हो रही
क्योंकि बँटवारा जो हो रहा है
लेकिन ये लड़ाई वो नहीं
जब पिता कुछ खाने को लाते थे
और ये लड़ते थे झगड़ते थे
और बाँटकर खाते थे।
कभी एक ही थाली में
दोनों बैठकर खाते थे
एक दूसरे को स्नेह से निहारते थे
उफ़ ! ये बँटवारा ! आज
एक दूसरे को देखना भी नहीं चाहते।

बाबूजी बीमार हैं
उनका कोई आस नहीं
दोनों बोलते पिता अभी उनके हिस्से में नहीं है
बुढापे में एक लोटा पानी नसीब नहीं
उफ़ ! ये बँटवारा ! आज
पिता भी बँट गए।

छोटी बहू आज झल्ला रही है
तो क्या बड़ी किसी से कम है
और ये कलह बढ़ता ही जा रहा
उफ़ ! ये बँटवारा ! आज
पिता संताप से मर रहे।

आज बूढ़े के आँखों से झर झर आँसू गिर रहे
लेकिन वो किसे बुलाए वो तो हैं बँटे हुए
बराबर बाँटने के बाद भी उनके नजर में चढ़े हुए
उफ़ ! ये बँटवारा ! संतान के नजर में
पिता बेईमान हो गए।

हमें आजादी से जीने तो दो
सुख चैन से मरने तो दो
बूढा कातर हो मिन्नते कर रहा
उफ़ ! ये बँटवारा ! आज
कपूत उन्हें जबरन गंगा लाभ करा रहे।

आज मन के हारे ग़म के मारे
बूढ़े की जान एक ही डुबकी से निकल गए
ये सुनकर सबके आँखों में आँसू आ गए
उफ़ ! ये बँटवारा ! “किशन”
सबको अंतिम संस्कार के लिए बुला रहे।

ये जमाने का दोष या संस्कार का
जो माँ – बाप का सत्कार नहीं करते
जीते जी बात बात में दुत्कारते
उफ़ ! उसे मारने या मरने के बाद
पाँच गाँव को कचौड़ी जलेबी खिलाते।

मैं किससे कहूँ उस बूढ़े का दुःख
जो संतान के लिए सदा ढूँढता रहा सुख
आज उस पिता के अकाल मृत्यु देखकर
“कारीगर” हाथ जोड़कर कह रहा
मत करो ऐसा बँटवारा !
मत करो ऐसा बँटवारा !!
मत करो ऐसा बँटवारा !!!

मूल- डॉ०किशन कारीगर
अनुवाद-अमर ठाकुर

(डॉ० किशन कारीगर का मैथिली काव्य संग्रह ‘किछु फुरा गेल हमरा ‘ शीर्षक कविता ‘भिन-भिनौज’ का हिन्दी अनुवाद।)

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 530 Views
Books from Dr. Kishan Karigar
View all

You may also like these posts

मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
Rj Anand Prajapati
अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिमाग शहर मे नौकरी तो करता है मगर
दिमाग शहर मे नौकरी तो करता है मगर
पूर्वार्थ
रंगत मेरी बनी अभिशाप
रंगत मेरी बनी अभिशाप
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिंदगी एक ख्वाब है
जिंदगी एक ख्वाब है
shabina. Naaz
ज्वाला सी जीवन ज्योति
ज्वाला सी जीवन ज्योति
कार्तिक नितिन शर्मा
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
3533.🌷 *पूर्णिका*🌷
3533.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
Swami Ganganiya
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
शीर्षक -नव वर्ष स्वागत
शीर्षक -नव वर्ष स्वागत
Sushma Singh
अपनी-अपनी जुगत लगाने, बना रहे घुसपैठ।
अपनी-अपनी जुगत लगाने, बना रहे घुसपैठ।
kumar Deepak "Mani"
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
सैनिक
सैनिक
Dr.Pratibha Prakash
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
Harminder Kaur
धोखा वफा की खाई है हमने
धोखा वफा की खाई है हमने
Ranjeet kumar patre
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
" जागीर "
Dr. Kishan tandon kranti
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
Loading...