फौजी
अच्छे दामाद की खोज में,
पहुंच गया था फौज में,
सुंदर नौजवान बुलवाया,
पुन् प्रश्न दोहराया,
हां बेटा वेतन पचास हजार,
गांव में जमीन बीघा पांच ,
पर ऊपर से क्या पड़ता है,
नौजवान मुस्कुराया मान्यवर,
फौजी केवल जंग लड़ता है,
और ऊपर से बम पड़ता है,
समझ में आया गांव का मान बढ़ाया ।
ले बेटा मेरी भी बेटी है पहाड़ों की,
सच्चे फौजी के साथ बराबर की टक्कर है, दोनों मिल देश का नाम बढ़ाओ,
मेरी तलाश खत्म हुई,
इतनी ईमानदारी और देशभक्ति
की आंख भर आई,
बेटा बुरा ना मानना जांच पड़ताल करनी पड़ती है
बेटी बेटों से भी प्यारी होती है।