फौजी
वो दूर कहीं सीमा पर दुश्मनों से लड़ रहा होगा
दोपहर की गर्मी या सर्दी का कहर सह रहा होगा
शोले बरसाती वो बंदूक लिए अपने हाथों में
भारत माँ के अस्मत बचाने को जाग रहा होगा
वो दूर कहीं सीमा पर दुश्मनों से लड़ रहा होगा
दोपहर की गर्मी या सर्दी का कहर सह रहा होगा
शोले बरसाती वो बंदूक लिए अपने हाथों में
भारत माँ के अस्मत बचाने को जाग रहा होगा