फोन का ख़ास नम्बर
कुछ एहसास फोन से जुड़े होते हैं और ये किस्से कुछ ख़ास होते हैं,कभी आंखों में हसीं ख्वाब होते हैं तो कभी दर्द पास होते हैं।
एक ख़ास नम्बर सबके फोन में होता है
और वो नम्बर किसी ख़ास शख्स का होता है
वो शख्स इतना ख़ास बन जाता है कि उसका ही चेहरा सामने नज़र आने लगता है
उसकी खामियां उसकी खूबियां उसका हर एक रंग भाने लगता है
मगर कभी कभी अधूरा सा रह जाता है वो रिश्ता क्योंकि वो नम्बर बस फोन से जुड़ा होता है
क़िस्मत में लिखे नहीं होते उनके नाम इसलिए इश्क अधूरा सा रहता है
पता है ना हम भूल सकते हैं उस नम्बर को और ना हम उसको मिटा सकते है
ना उस नम्बर पर फोन लगा सकते है
और ना ही कुछ एहसास जता सकते हैं
क्योंकि एक वक्त ऐसा आता है कि परिस्थिति हमें समझा देती है
पल भर की खुशियां देकर दर्द से वाकिफ करवा देती है
फिर भी वो नम्बर हमेशा याद रहता है
शायद सामने वाला करेगा हमें कॉल ये दिल कहता है
बस इसी शायद और काश पर अटका रहता है वो नम्बर
जानते दोनों है कि अगर मुक्कमल दास्तां होती तो उस नम्बर को हटाने की नोब्बत ही नहीं आती
इश्क की वो कहानी प्यार से लिखी जाती।
रेखा खिंची ✍️✍️