फैसले जिन्दगी में
दिनांक 25/3/19
दौराहे पर
अटक जाती है
जिन्दगी कभी-कभी
एक तरफ कुआं
तो दूसरी तरफ
होती है खाई
यहीं फैसले
होते है अहम
जो अविरल गति दे
जिन्दगी को
लिए गये
फैसले हो ऐसे
परिवार में
जो न बढ़ाए
फासले
माता-पिता के
त्याग और
फैसलों से
ही पहुँचते है
बच्चे ऊँचाईयों तक
उन्हें न पहुंचे
दुःख और कष्ट
लेना है ये फैसला
उन नादानो को
चलती है गाड़ी
सड़क पर
चंद सेकेन्ड के
गलत फैसले
उजाड़ देते है
हँसते खेलते
परिवार को
पहुँचो चाहे
कितने भी
आसमां की
ऊँचाईयों पर
पर फैसले हो
जमी पर
दिल की
तन्हाईयों से
रखों ध्यान एक
इस बात का
जिन्दगी के
फैसले हो दिमाग से
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल