फैलाने मे
बात महफूज थी इशारे मे
उनको आता मजा सताने मे
जिंदगी छोटी सी बिताने मे
खोओ ना इस को गिडगिडाने मे
कर लो मां बाप की सेवा मन से
रब नही कोई नजर आने मे
जो मिला है तिरे नशीबो का
हाथ आऐ न कुछ फैलाने मे
बात महफूज थी इशारे मे
उनको आता मजा सताने मे
जिंदगी छोटी सी बिताने मे
खोओ ना इस को गिडगिडाने मे
कर लो मां बाप की सेवा मन से
रब नही कोई नजर आने मे
जो मिला है तिरे नशीबो का
हाथ आऐ न कुछ फैलाने मे