Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2023 · 1 min read

फूल

फूल कहीं जो हम बन जाते
बस खुशबू अपनी लुटाते
तितली के साथ भौंरे भी गुनगुनाते,
फूल जो रंग बिरंगे पहचान देते
न फिर कोई हमको छोड़ता,
सच कई नाम संग जुड़ जाते
हां काश पुष्प ,सुमन , गुलाब या फूल बन जाते।
सदा हम वीरों के पथ में चढ़ जाते।
प्रभु के गले में हार बनते, न घमंड
सच धन्य मेरा जीवन भी हो जाता
सच हम फूल जो बन जाते।

नीरज अग्रवाल चन्दौसी उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
613 Views

You may also like these posts

वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
अंसार एटवी
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
DrLakshman Jha Parimal
वक्त हालत कुछ भी ठीक नहीं है अभी।
वक्त हालत कुछ भी ठीक नहीं है अभी।
Manoj Mahato
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
सत्य कुमार प्रेमी
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Manoj Shrivastava
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
Dr. Narendra Valmiki
बेईमान बाला
बेईमान बाला
singh kunwar sarvendra vikram
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
याद में
याद में
sushil sarna
बेगुनाही एक गुनाह
बेगुनाही एक गुनाह
Shekhar Chandra Mitra
स्नेहिल प्रेम अनुराग
स्नेहिल प्रेम अनुराग
Seema gupta,Alwar
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
Raju Gajbhiye
आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
Manisha Manjari
एक खबर है गुमशुदा होने की,
एक खबर है गुमशुदा होने की,
Kanchan Alok Malu
🙅आम चुनाव🙅
🙅आम चुनाव🙅
*प्रणय*
'नव संवत्सर'
'नव संवत्सर'
Godambari Negi
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मोबाइल ने छीनी रूबरू मुलाकातें
मोबाइल ने छीनी रूबरू मुलाकातें
ओनिका सेतिया 'अनु '
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
गुमनाम ज़िन्दगी
गुमनाम ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
आखिर कैसे
आखिर कैसे
NAVNEET SINGH
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
Annu Gurjar
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
guru saxena
" शक "
Dr. Kishan tandon kranti
महाभारत नहीं रुका था
महाभारत नहीं रुका था
Paras Nath Jha
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...