Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2017 · 1 min read

फूल बूटों से सजा कर के हरम रक्खा है

ग़ज़ल
***********
2122 1122 1122 22

प्यार की राह पहला जो क़दम रक्खा है
तुमको पाकर के सदा दूर ये ग़म रक्खा है
?????????
वक़्ते आवाज़ है तू अब भी सुधर जा बंदे
वरना बरबादी ने भारत में क़दम रक्खा है
??????????
मिलती हिम्मत है मुझे जुल्म से लड़ जाने की
सर को जब सिज़्दे में हाथों में क़लम रक्खा है
??????????
किरचियों में न कहीं कल्ब बिख़र जाए मेरा
इसलिए हमनें न आँखों को ये नम रक्खा है
??????????
फूल खिल जाते हैं सहरा में गुलाबों वाले
मेरे मौला ने ही ये नज़रे क़रम रक्खा है
??????????
दिल फ़रेबी भी अज़ब शै है जहां में यारों
बस वफ़ा हमसे करेंगे ये भरम रक्खा है
??????????
एक दिन मिट्टी में घर होगा मगर हम फिर भी
फूल बूटों से सज़ा करके हरम रक्खा है
???????????
तुझको मालूम न हो जाए हक़ीक़त मेरी
इसलिए दिल में दबा करके अलम रक्खा है
????????????????
मयक़शी छोड़ के पीने से किया है तौबा
आज़ इक रिन्द ने मस्जिद में क़दम रक्खा है— गिरह
???????????
जिन्दगी आज़ तो गुलज़ार हुई जब “प्रीतम”
मेरी माँ ने मेरे सिर दस्ते-करम रक्खा है
???????????
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
08/08/2017

166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आईना
आईना
Dr Parveen Thakur
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
अगर हो दिल में प्रीत तो,
अगर हो दिल में प्रीत तो,
Priya princess panwar
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
अपने किरदार में
अपने किरदार में
Dr fauzia Naseem shad
हे! नव युवको !
हे! नव युवको !
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भ्रात प्रेम का रूप है,
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"भुला ना सके"
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
शिव प्रताप लोधी
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
श्याम दिलबर बना जब से
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
गर कभी आओ मेरे घर....
गर कभी आओ मेरे घर....
Santosh Soni
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
Vishal babu (vishu)
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
दिल में है जो बात
दिल में है जो बात
Surinder blackpen
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
Taj Mohammad
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
Neelam Sharma
सूरज - चंदा
सूरज - चंदा
Prakash Chandra
*जन्म या बचपन में दाई मां या दाया,या माता पिता की छत्र छाया
*जन्म या बचपन में दाई मां या दाया,या माता पिता की छत्र छाया
Shashi kala vyas
Desires are not made to be forgotten,
Desires are not made to be forgotten,
Sakshi Tripathi
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
भैया दूज (हिंदी गजल/गीतिका)
भैया दूज (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ ये डाल-डाल, वो पात-पात। सब पंछी इक डाल के।।
■ ये डाल-डाल, वो पात-पात। सब पंछी इक डाल के।।
*Author प्रणय प्रभात*
#drarunkumarshastri♥️❤️
#drarunkumarshastri♥️❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...