फूलों जैसे दिल हों
गीत-फूलों जैसे दिल हों
मीटर–222-222-221-222
फूलों जैसे दिल हों ख़ुशबू भरी बातें।
फिर तो होंगी ख़ुशियों की रोज बरसातें।।
मिलते जीवन में लाखों लोग हैं यारो।
हारो चाहे दिल रिश्ते जीत लो यारो।
चाहत के दिन हों बस चाहत भरी रातें।
फिर तो होंगी ख़ुशियों की रोज बरसातें।।
सज़दा करना सीखो तुम जी हुनर आगे।
चलना उठना सीखो है जीत डर आगे।
हँसके करना सबसे प्यारी मुलाक़ातें।
फिर तो होंगी ख़ुशियों की रोज बरसातें।।
कितने सुंदर प्यारे न्यारे नज़ारे हैं।
धरती अंबर नदियाँ सागर हमारे हैं।
झूमो मस्ती में प्रीतम ख़ूब सौग़ातें।
फिर तो होंगी ख़ुशियों की रोज बरसातें।।
फूलों जैसे दिल हों ख़ुशबू भरी बातें।
फिर तो होंगी ख़ुशियों की रोज बरसातें।।
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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