“फूलों की तरह जीना है”
🌹🌹”फूलों की तरह जीना है”🌹🌹
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फूलों की खुशबू से महक उठती हवाएं,
इंसान की ज़िंदगी भी ऐसी ही रंग लाए,
किसी का भी वो कुछ नहीं बिगाड़ पाए,
परोपकार से जीवन की बगिया सजाए,
फूलों सा चरित्र जो मृदुल, पवित्र बनाए,
खुशबू से जिसके पथ सुरभित हो जाए,
मन पावन, निश्छल व स्नेहिल हो जाए।
ज़िंदगी के सारे गम हॅंसते हुए पीना है,
मुस्कुराहट का शुभ संदेश जो देना है ,
जोश, जज़्बा व विजय उद्देश्य देना है ,
बेरंग सोच व उदासी दूर भगा देना है ,
सदा फूलों की तरह खिलखिलाना है ,
हॅंसी, कोमलता फूलों से ही चुराना है ,
काॅंटों की चुभन से भी ना घबराना है।
अपनी भी किस्मत फूलों से सजाना है,
हाॅं, मुझे इन फूलों की ही तरह जीना है।
( स्वरचित एवं मौलिक )
© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 07 / 03 / 2022.
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