रिमझिम फुहार
बम भोले की पुकार
रिमझिम पडी फुहार
शिव भोले भंडार भरेगे
श्रद्धा प्रेम से हृदय भरेगे
कण- कण में हो संचार
भवसागर से ही हो पार
गले में है सर्पों की माला
तन में हैं पहने मृगछाला
महा महेश्वर माया स्वरूप
शंभु भोले आंनद स्वरूप
सिर से बहती गंग की धार
शिव बम भोले की पुकार
बाबा मेरे भोले भंडारी हैं
गौरा सबसे उनको प्यारी है
तीनों लोकों का रखवारा है
बिगडी़ सबकी ही बनाता है
लीला उनकी सबसे न्यारी
छवि उनकी सबसे प्यारी
करते सबका ही उद्धार हैं
शिव भोले की पुकार है
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा