फिल्म – कब तक चुप रहूंगी
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फिल्म – कब तक चुप रहूंगी स्क्रिप्ट रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283/7859042461
तारीक – 26 – 01 – 2022
सुबह कृष्णा उठा और अपने काम में लग गया
राधा कृष्णा के पास आकर इसको प्यार से समझाने लगी और कहने लगी कि कृष्णा तुम गांव के रहने वाले हो और मेहनत करने वाले हो इसलिए तुम्हें ये आराम का काम नहीं जम रहा है
कृष्णा सिर्फ सुनते रहा और कुछ नही बोला
पुलिस विशाल और जुवेर को ढुंढ रहा था कैसे न कैसे पुलिस वाले को जुवेर का फोटो हाथ लग गया और ये साफ हो गया कि ये लड़कियों को गुमराह करके लाता है और बड़े बड़े पैसे वाले सेठ रईश को बेच देता है और बाद में जब उस सेठ को उस लड़की से जी भर जाता फिर वो सेठ विशाल को बुला कर उसे कोठे पर बेच देता है
जुवेर पुलिस से बचकर भाग रहा था छूप रहा था और पुलिस उनके बारे में लोगों पुछ ताछ कर उस खंडहर को चारों तरफ से घेर लिया तभी पुलिस के आंखों से बचकर जुवेर बच निकला जब पुलिस ने जुवेर और विशाल के अड्डा पर छापा मारा तो उस जगह पर सिर्फ लड़कियों के कपड़े और दुपट्टा मिला बाकी कुछ नहीं ।
विशाल के मोबाइल पर बार बार जुवेर का फोन आ रहा था
राधा विशाल का फोन उठाई तो उधर से जुवेर धीरे आवाज
जुवेर का आवाज डरा डरा और धीरे धीरे आया
हेलो विशाल
राधा – जुवेर भैया मैं राधा भाभी बोली रही हूं कहो क्या हाल समाचार हैं।
जुवेर – भाभी हाल समाचार बाद में लेना पहले विशाल को फोन दों आप।
राधा – वो तो वास रुम में है लेकिन भैया क्या बात है बताओ न हम विशाल को बोल देंगे
जुवेर – भाभी मेहरबानी करके आप विशाल को बुलाओ
राधा – अच्छा अभी बुलाती हूं
राधा गई और जिस वास रुम में विशाल था उसको ढ़क ढ़काई
विशाल अंदर से ही क्या बात है
राधा – जुवेर का फोन आया था वो बहुत डरा डरा सा लग रहा था
इतना सुनते ही विशाल का जैसे टायलेट गायब हो गया और वो फटाफट वास रुम से निकला और अपना मोबाइल लिया घर से बाहर निकल कर जुवेर को फोन लगाया
जुवेर – विशाल पुलिस हमारे पिछे शिकारी कुत्ते की तरह लगा है इस बार बचना बड़ा मुश्किल लग रहा है अगर बचना चाहता है तो बचके निकल लें वर्णा बहुत जल्द ही सलाखों के पीछे होगा
विशाल अरे यार कहां जाएंगे बचने के लिए अभी तुम कहां हो
जुवेर – अभी मैं…… में हूं ये तो शुकर है कि मेरा मोबाइल नंबर पुलिस के हाथ नहीं लगा नहीं तो वो लोकेशन देख मेरे पास आ ही जाता
विशाल – यार जुवेर राधा जो मेरे साथ हैं उसका क्या करु
जुवेर – उसे छोड़कर निकल जा
विशाल – नहीं जुवेर वो मेरी पत्नी है मैं उसको नहीं छोड़ सकता चाहे मुझे उम्रकैद क्यों न हो जाए हमने कौन अच्छा काम किया है जो हमारे लिए कोई आह करेगा हमें हमारे कर्म का फल तो भोगना ही पड़ेगा
जुवेर – तों एक काम कर यहां से दस किलोमीटर दुर पर एक बहुत बड़ा रेस्टोरेंट हैं तुम राधा और कृष्णा को घुमाने का बहाना बनाकर उस रेस्टोरेंट में चार पांच दिन के लिए चले जा
विशाल – हां ये ठीक रहेगा जुवेर तुम अपना खबर देते रहना और मैं अपना खबर देते रहूंगा चल ठीक है हम अभी निकलते हैं और फोन कट गया
विशाल – राधा राधा वो माई राधा तुम कहां हो
राधा – मैं यहां हूं क्या बात है आज और अभी आप रोमांटिक मूड में कैसे हों गए
विशाल – चलों घुमने
राधा – कहां और अचानक ऐसे ही
विशाल – हां क्यों कि मैं तुम्हें जान बुझकर नहीं बताया था कि अचानक राधा को कहके चौका दूंगा
राधा – वो माई डार्लिंग विशाल
विशाल – तो चल रही हो
राधा – पर गाड़ी तो निकालों
विशाल नहीं अपने गाड़ी से नहीं टेक्सी से चलेंगे और टेक्सी आकर हमारे आने का राह देख रहा है
राधा – कृष्णा तो घर पर ही रहेगा न
विशाल – नहीं कृष्णा को हम कैसे छोड़ सकते हैं कृष्णा को भी हम साथ में लें जाएंगे
राधा – ठीक है राधा कृष्णा और विशाल टेक्सी में बैठ कर उस होटल में पहुंचा जिसका जिक्र जुवेर ने किया था
कृष्णा सोच रहा था कि जुवेर का फोन आते ही ये घबरा गया और जब दुवाड़ा ये फोन किया तो एक घंटे में राधा से झुठ बोलकर घुमने का बहाना कर ये इस होटल में आ पहुंचा
ये यहां घुमने नहीं छुपने आया और इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी है
शाम हो गया रात को उस होटल में लड़की आती थी और कैस्टमर लड़की को बुक करते थे
उस होटल में कृष्णा के गांव कि वो लड़की जिसकी मां विशाल को पहचान लिया था वो लड़की भी उस होटल में आई थी। संयोग से वो लड़की आ रही थी और कृष्णा भी अपने कमरे से निकला की दोनों का कंधा टकरा गया
कृष्णा कहता है बहन जी देख कर चलीए
वो जा रही लड़की एकदम रुक गई उन्हें ये आवाज जाना पहचाना लगा और फिर लड़की पलटकर आवाज दिया रुको जा रहें कृष्णा भी रुक गया कृष्णा को भी ये आवाज जाना पहचाना लगा वो मुड़ा
जैसे दोनों का चेहरा सामने आया दोनों एक-दूसरे को देखते रह गये।
कृष्णा – मुझे आपके का चेहरा जाना पहचाना लगता है हमारे पड़ोस की एक लड़की थी उसका नाम जुली था आपका चेहरा उनसे बहुत मिलता है
जुली – हां कृष्णा भैया मैं जुली ही हूं
कृष्णा – जुली तुम यहां पर कैसे और इस रुप में
फिर जुली ने अपने आप बिती सारा किस्सा कृष्णा को सुनाई
तो कृष्णा ने कहा अब तुम हमारे सुरक्षा में रहेगी यहां से निकलना चाहती है तो मैं तुझे निकालूंगा ये मेरा वादा है पर तुझे जैसे कहता हूं तुम वैसे ही करना
जुली बोली भैया हमें यहां से निकालोगे तो तुम्हें तुम्हारे जान को खतरा भी हो सकता है
कृष्णा तुम इसका चिंता मत कर जो होगा वो हम देख लेंगे जैसा हम कहते हैं तुम वैसा ही करती जा
कृष्णा अच्छा तुम ये बता की तुम एक रात का कितना चार्ज लेती हैं।
जुली – लाज के मारे सर झुका ली
कृष्णा – देख हम समझते हैं कि तुम्हारे दिल पर क्या बीत रहा है
तुमसे कोई पुछे तो कह देना कि हम बुक हो गये हैं और तुम हमारे कमरे में आ जाना वही बैठकर रात भर यहा से तुम्हें निकालने का प्लान बनाएंगे और उस आदमी को सबके सामने भी तो लाना है
जुली – ठीक है
तभी विशाल के पास फोन आया कि सर रात के लिए लड़की चाहिए।
तो विशाल ने मना कर दिया क्योंकि उनके साथ उनका बीवी राधा थी
राधा ने विशाल से मजाक की की कृष्णा के लिए एक बुक कर लो
कृष्णा से विशाल ने पुछा तो कहां की मैं पहले लड़की को देखुंगा फिर कहूंगा
राधा ने विशाल को आंख मारी की वो कहें कृष्णा को तुम जाकर लड़की को देख लो
कृष्णा गया और जुली को अपने कमरे में ले आया
उसके बाद जुली से कृष्णा ने रात में प्लान बनाया की कैसे जुली को वहां से निकालेगा
और रात को कृष्णा नीचे में चादर बिछा के सो गया और जुली वेड पर
काफी रात हुआ तो भी कृष्णा के कमरे का लाइट जल रहा था।
राधा सोची की कृष्णा को कहें की वो लाइट बंद कर लें और उठ कर वो जैसे ही दरवाजा पर हाथ मारी की दरवाजे से संग कृष्णा का भी नींद खुल गया तों न देखते हुए भी राधा ने देखा कि कृष्णा निचे सोया हुआ है और वो लड़की वेड पर
राधा वापस अपने कमरे में आ गई जिसे कृष्णा ने भी देख लिया
सुबह पांच बजे जुली को कृष्णा के कमरे से निकलना था कृष्णा ने जुली को और जुली ने कृष्णा को फोन नंबर दिया और जुली कमरे से निकल गई।
अगले दिन कृष्णा ने कहा मैडम जी हमें होटल में मन उव गया मैं बाहर जाना चाहता हूं।
तो राधा ने कहा ठीक है तुम ये लो घर का चाभी और जाओ हम दोनों दो चार दिन में आ जाएंगे कोई दिक्कत होगा तो फोन करना।
कृष्णा ठीक है कहके होटल से बाहर निकल आया तब तक दिन का दस बज चुका था।
कृष्णा निकलते ही जुली को फोन किया और पुछा कहां हो जुली ने उन्हें एड्रेस बताई और कृष्णा वहां पहुंच गया
जुली दवाई लेने के बहाने बाहर निकली और कृष्णा से मिलकर अपने मोबाइल का बैटरी निकाल दी और कृष्णा के संग भागकर राधा के घर पर आ पहुंची।
कृष्णा ने कहा जुली तुम हमारे कमरा रहना पड़ेगा और तु दिन में जादा मत निकलना और जब भी निकलना तो काली बुर्का पहनकर निकलना कोई पुछे तो अपना नाम सकिना बताना
राधा चार दिन के बाद अपने घर आयी तो विशाल ने कहा राधा अब तुम पापा के पास चली जाओ कृष्णा के साथ
राधा नहीं विशाल मै तुम्हारे पास ही रहूंगी
विशाल नहीं तुम जाओ मैं जल्दी ही आ जाऊंगा
राधा नही नही मैं यही रहुंगी तुम्हारे साथ।
विशाल तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती
राधा क्या मैं समझ नहीं रही हूं
विशाल वो हो राधा तुम बहस मत करो और तुम जाओ
राधा – विशाल तुम मुझे अपने से अलग क्यों भेजना चाहते हो मुझे साफ साफ बताओ
विशाल – साफ साफ ये हैं कि अब तुम यहां पर नहीं रहोगी
राधा को गुस्सा आ गया और बोली मैं क्यों नहीं रहूंगी यहां पर
कृष्णा क्योंकि इनका काम करने का तरीका ठीक नहीं है
विशाल कृष्णा तु हमारे बीच में बोलना नहीं तु हमारे घर का नौकर हैं अपनी हद में रह
कृष्णा विशाल बाबु मैं अपने हद में हूं जब हमारे हदें टुटेंगी तो ना जाने यहां क्या होगा
कृष्णा के बात सुनकर राधा सारा गुस्सा कृष्णा पर निकालने लगी और बोली कृष्णा इसके आगे एक भी शब्द नहीं बोलना
कृष्णा नहीं आज तो मैं बोलूंगा
इतना सुनते ही राधा कृष्णा को एक थप्पड़ मारती हैं और कहती चुप हो जा नहीं तो हमारे घर से चला जा
कृष्णा मैं तो जरूर जाउंगा पर अपने पति देव का हकीकत तों जान तों लों राधा मैडम जी
ये कोई नौकरी नहीं करता और ये जों तुम होटल में पांच दिन रहकर आई हों वो पुलिस के डर से ये वहां पर छुपा था
ये नहीं पुछोगी कि ये पुलिस से क्यों छुपा था
क्योंकि ये गांव कि भोली भाली लड़की को नौकरी देने का वादा करके लाता है और यहां पर बेच देता है।
ना जाने कितने लड़की को कोठे का रंडी बना दिया है और उस दिन जो तुम्हें तीस लाख रुपए दिया था वो रुपया इसने चार लड़कियों को बेच कर लाया था इसमें इसका एक जुवेर नाम का साथी है
राधा मैं नहीं मानती तुम्हारे बात को क्या सबूत है तुम्हारे पास
कृष्णा मैं जानता था कि तुम यहीं कहोगी कि क्या सबूत है हमारे पास
कृष्णा तुरंत जुली को बुलाया और जुली ने कहा हां यही वो आदमी हैं जिसने हम जैसे कितने लड़कियों का जिंदगी नर्क बना दिया है मैं अभी तुरंत पुलिस को बुलाती हूं।
विशाल राधा के पास आकर कहता है राधा ये दोनों झुठ कह रहा है
राधा मुझे हाथ मत लगाना नही तों मैं खुद पुलिस को बुलाऊंगी।
अरे मैं तो तुमको राम समझती थी और तु तो रावण का भी बाप निकला
अरे तुम मुझे झोपड़ी में रखता तो मैं खुशी खुशी रह लेती पर तुने ना जाने कितने मासूम लड़कियों का जिंदगी बर्बाद कर दिया पैसे के खातिर
विशाल हां किया और करुंगा तुझे जो करना है कर ले
राधा मैं अब क्या कर सकती हूं पर तुम इतना अवश्य समझ लो कि जब तक तुम उन सभी लड़कियों को वहां से लाकर उसके घर नहीं पहुंचाओगे तब तक मैं तुम्हें अपने बहन को छुने नहीं दुंगी।
विशाल अरे जा तुझे छुएगा कौन तुम से अधिक हसिन लड़कियां को हम अपने विस्तर पर लाएंगे और तेरे सामने उसे प्यार करेंगे
मैं तों तुम्हें भेजना चाह रहा था पर अब नहीं भेजुंगा तुझसे सारा अधिकार छीन कर तुम्हारे समाने दुसरे को दें दुंगा तुम्हें अब घर का नौकरानी बना कर रखुंगा।
और तु चाहें तो जा या रह सकता है मेरे घर का नौकर कृष्णा
कृष्णा चलिए राधा जी यहां से आप अपने पिता जी के पास
नहीं कृष्णा अब तो मैं और नहीं जाऊंगी और जाऊंगी तों कौन सा मुंह लेकर जाऊंगी हमारे पापा ये सुनते ही मर जाएगा वैसे भी मैं अपने पापा को इन भेड़िए के खातिर बहुत दुःखी कर चुकी हूं। अब तो मेरा जो भी हाल होगा यही पर होगा चाहें मुझे दुख के आग में जलना ही क्यों न पड़े।
यहां से तुम चले जाओ कृष्णा और पापा से कहना मैं बहुत खुश हूं अपने पति के पास
कृष्णा नहीं राधा जी मुझे आपके पापा ने मुझे आपके हिफाजत के लिए ही भेजा है और मैं उनसे वादा किया हूं कि आपका हिफाजत करुंगा बस इस घर में मुझे रहने की जगह चाहिए।
विशाल हां जगह खाना तुम्हें जरुर मिलेगा पर तनख्वाह नहीं फ्री में खाना और रहना है तो रहले लें वर्णा तुम दोनों जा सकते हो तुम्हारे रहने से हमें नौकर नहीं रखना पड़ेगा