Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2020 · 1 min read

फिर से सडकों पर रौनक लौट आएँगे

रह गई है ज़िन्दगी चार दिवारी में सिमट कर ,
हौसला खुले आसमान में उड़ने का है ,
रखा करते थे हम जिन्हें बड़े शौख से पिंजरों में बंद कर ,
आज उनकी बैचैनी का पता चलता है
बेजुबां अपनी दर्द बयां नहीं कर पाते हैं
अब हम अपनी हरकतों पर शर्माते हैं

बैचैन, तनहा, परेशान घर से बाहर कब जायेंगे
सब मिल कर अलग से मदद करे एक दुसरे का तो, ये जंग हम सब जीत जायेंगे
डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सफाईकर्मी का योगदान सरहायेंगे
रखो दुरी, मास्क मुह पे, साफ सफाई, यही आदत अपनाएंगे
सुनसान गाँव ,शांत अँधेरी गलियां, फिर से जगमगायेंगे
हंसी ख़ुशी होंगी सबके चेहरे पे, फिर से सडको पर रौनक लौट आएँगे

नई सुबह नई जिंदगी की बात करेंगे
फिर से हम एक दुसरे से मुलाकात करेंगे
शायद हम सुधर गए हैं, नए नियम का पालन करेंगे
हो सब अच्छा, अच्छा हो सबका, खुशियाँ लौट आये हर घर का
फिर से और जोर से लहरायेंगे तिरंगा भारत का, लहरायेंगे तिरंगा भारत का!

?SC?

Language: Hindi
5 Likes · 12 Comments · 734 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
किसान
किसान
Dp Gangwar
आदर्श शिक्षक
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यह सफ़र
यह सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
कवि दीपक बवेजा
#परिहास-
#परिहास-
*प्रणय प्रभात*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
Neelofar Khan
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*तेरे इंतज़ार में*
*तेरे इंतज़ार में*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन संगिनी
जीवन संगिनी
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए कुएं में उतरने वाली बाल्
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए कुएं में उतरने वाली बाल्
Ranjeet kumar patre
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
VINOD CHAUHAN
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
gurudeenverma198
Weekend
Weekend
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अंगुलिया
अंगुलिया
Sandeep Pande
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
3033.*पूर्णिका*
3033.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संगिनी
संगिनी
Neelam Sharma
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
Loading...