Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2024 · 1 min read

फिर से आयेंगे

जाना इस दुनिया से सबको, हम भी जाएंगे
काल, यार और प्यार की यादें बस छोड़ के जाएंगे
पता नहीं ये जीवन का अब, कहाँ खेल कर जाएंगे खुम्मारी का लोटा थामे अपने आप थम जाएंगे

कुछ भी कह दो कुछ भी कर दो एक दिन तो हम जाएंगे
समेट पोटली अपने कर्मों की शून्य हस्त चले जाएंगे यश जिसका वैभव बनेगा वो चिरस्थायी हो जाएंगे अंधकार की वो दुनिया में वसु प्रकाशमय कर जाएंगे

पता नहीं न आज का,कल का फिर भी शुद्ध जीयेगे हम
तमता की इस नगरी में यारों लड़कर ही जीयेगे हम
वो मानव ही मानव क्या है जो हार गया अपनों से ही खुली स्वतंत्रता आजाद घूमती ये उसके कर्मों से ही

यादों की बारात बनाकर फिर हमको तो जाना है
याद ना आए दुनिया को हम बस मेरा ये कहना है खुशबू बात स्वतंत्रता जैसी हमको फैला ही जाना है आये हैं जायेंगे फिर से आयेगे ये साबित कर जाना है

पता नहीं मंथन ये कैसा ये विचार कहां से आये
फिर भी सच है यारों आये हैं और फिर जाये…..

सद्कवि

प्रेमदास वसु सुरेखा

1 Like · 259 Views

You may also like these posts

विडम्बना
विडम्बना
आशा शैली
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
Dr fauzia Naseem shad
मै भी सुना सकता हूँ
मै भी सुना सकता हूँ
Anil chobisa
"रचो ऐसा इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
हास्य कुंडलियाँ
हास्य कुंडलियाँ
Ravi Prakash
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
Sonam Puneet Dubey
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की"
Harminder Kaur
9. पहचान
9. पहचान
Lalni Bhardwaj
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तेरी मोहब्बत में इस क़दर दिल हारे हैं
तेरी मोहब्बत में इस क़दर दिल हारे हैं
Rekha khichi
दोस्त
दोस्त
Shyam Sundar Subramanian
"यादें" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मन के टुकड़े
मन के टुकड़े
Kshma Urmila
डायरी
डायरी
Rambali Mishra
एक ऐसा मीत हो
एक ऐसा मीत हो
लक्ष्मी सिंह
मिल कर उस से दिल टूटेगा
मिल कर उस से दिल टूटेगा
हिमांशु Kulshrestha
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय*
होगा उनका जिक्र तो
होगा उनका जिक्र तो
RAMESH SHARMA
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सेल्समैन की लाइफ
सेल्समैन की लाइफ
Neha
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
सच्ची कविता
सच्ची कविता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रेम ...
प्रेम ...
sushil sarna
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
25. जी पाता हूँ
25. जी पाता हूँ
Rajeev Dutta
Introduction
Introduction
Adha Deshwal
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
Loading...