फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
कहीं सब्जबाग कहीं डर दिखा रहे हैं
क्या कमाल का हुनर है सियासत की जमात में
करते हैं वो अदाकारी और हम बंटते जा रहे हैं
M.Tiwari’Ayan’
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
कहीं सब्जबाग कहीं डर दिखा रहे हैं
क्या कमाल का हुनर है सियासत की जमात में
करते हैं वो अदाकारी और हम बंटते जा रहे हैं
M.Tiwari’Ayan’