फिर भी मैं परायी हूँ
आंगन दीवारों में
बरामदे , चौबारों में
भीतर तक समायी हूँ
और दादी तुम कहती हो
फिर भी मैं परायी हूँ।
अचार ,दाल ,भात में
कटोरी, चम्मच परात में
भीतर तक समायी हूँ
और अम्मा तुम कहती हो
फिर भी मैं परायी हूँ।
सिर मालिश के तेल में
घर की रेलम पेल में
भीतर तक समायी हूँ
और पापा तुम कहते हो
फिर भी मैं परायी हूँ।
राखी धागे के तार में
पूरे कुनबे के प्यार में
सिर से पाँव नहाई हूँ
और भैया तुम कहते हो
फिर भी मैं परायी हूँ।