फिर भी बोल क्या होगा??
लिफाफे में लिपटी वो बातें पुरानी,
वो बातें बता दूं फिर भी बोल क्या होगा?
झिल्ली दुपट्टे में लिपटा चेहरा नूरानी,
दुपट्टा हटा दूँ फिर भी बोल क्या होगा??
किताबों में सिमटी गुलाबों की पंखुड़ी से,
पड़ी धूल हटा दूँ फिर भी बोल क्या होगा??
पूर्णिमा के चाँद पर छाये काले बदरा,
ये बदरा छटां दूँ फिर भी बोल क्या होगा??
क्या होगा गर तुम्हे दिल की हालत बता दूं,
आँखों के मोती दिखा दूँ फिर भी बोल क्या होगा??
…राणा…