Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2022 · 1 min read

फिर इंसानियत का चेहरा कुचल दिया तुमने

मुहब्बतों को नफरतों मे बदल दिया तुमने
फिर इंसानियत का चेहरा कुचल दिया तुमने

हिंदू को मुसलमान से जब जब लड़ाना चाहा
होशियारी से दांव धर्म का चल दिया तुमने

जब भी आईना बन जाने को हुआ ये दिल
हर बार कोई रंग जफा का मल दिया तुमने

अब जो देने आए हो उसकी बात करो आज
हम भुला चुके हैं उसको जो कल दिया तुमने

हमने क्या पूछा था मुहब्बत मे तुमसे और
सवाल का हमारे ये क्या हल दिया तुमने

मारुफ आलम

1 Like · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
4076.💐 *पूर्णिका* 💐
4076.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"चुनौती का दर्शन"
Dr. Kishan tandon kranti
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
एक प्रार्थना
एक प्रार्थना
Bindesh kumar jha
इक रोज़ हम भी रुखसत हों जाएंगे,
इक रोज़ हम भी रुखसत हों जाएंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
अर्चना मुकेश मेहता
फूल   सारे   दहकते  हैं।
फूल सारे दहकते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
अस्ताचलगामी सूर्य
अस्ताचलगामी सूर्य
Mohan Pandey
हम मुकद्दर से
हम मुकद्दर से
Dr fauzia Naseem shad
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
कवि रमेशराज
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
लोगों के दिलों में,
लोगों के दिलों में,
नेताम आर सी
आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
gurudeenverma198
तिलक लगाओ माथ या,
तिलक लगाओ माथ या,
sushil sarna
मदनोत्सव
मदनोत्सव
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एक दीप हर रोज जले....!
एक दीप हर रोज जले....!
VEDANTA PATEL
बात निकली है तो दूर तक जायेगी
बात निकली है तो दूर तक जायेगी
Sonam Puneet Dubey
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
सोया भाग्य जगाएं
सोया भाग्य जगाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिंदगी
जिंदगी
Dr.Priya Soni Khare
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
Keshav kishor Kumar
तुम जुनून हो
तुम जुनून हो
Pratibha Pandey
तजुर्बे से तजुर्बा मिला,
तजुर्बे से तजुर्बा मिला,
Smriti Singh
Loading...