फिरकापरस्त
आख़िर दीन-धरम के मारे!
क्या करें वे लोग बेचारे!!
जो पिंजरे में रहते हुए ही
उड़ना चाहते पंख पसारे!!
#कविता #धर्मांधता #शायरी #इंकलाब
#विद्रोह #poetry #फिरकापरस्त #हक़
आख़िर दीन-धरम के मारे!
क्या करें वे लोग बेचारे!!
जो पिंजरे में रहते हुए ही
उड़ना चाहते पंख पसारे!!
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