फितरत
कुछ लोग फकत हमसे यूँ ही शिकायत रखते हैं
रब जाने कुछ खता हुई या आदतन शिकायत रखते हैं
वैसे तो ये अक्सर करते हैं बाते घुलमिल कर
आँखों से महसूस हुआ कुछ दिल मे अदावत रखते है
बदलते जमाने की अक्सर जो हमको नसीहत देते है
गौर किया तो लोगों में वो ही अपनी खिलाफत करते हैं
नाँदा समझो कुछ भी कहो अपनी फितरत ही कुछ ऐसी है
इन हमदर्दों इन लोगों से हम फिर भी मोहब्बत रखते है
M.T. Ayan