फितरत
2400.पूर्णिका
फितरत इंसान की नहीं बदलेगी
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फितरत इंसान की नहीं बदलेगी ।
आस्था भगवान की नहीं बदलेगी।।
जनता की बात है कहानी कहती ।
दुनिया अरमान की नहीं बदलेगी ।।
जीते मरते यहाँ वतन की खातिर ।
चाहत बलिदान की नहीं बदलेगी ।।
हरदम यूं महकते चमन भी अपना ।
खुशबू जयगान की नहीं बदलेगी ।।
करके हम कुछ नया दिखाएं खेदू ।
आदत अवदान की नहीं बदलेगी।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-7-2023शनिवार